Nano Urea Liquid: यूरिया खाद की एक बोरी अब आधा लीटर की बोतल में।

Nano-Urea-Liquid-iffco-Price-Buy-Online-Offline-How-To-Use-Hindi-UPSCइफको ने दुनिया का पहला नैनो यूरिया लॉन्च किया; 240 रुपये प्रति बोतल की कीमत।

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खबरों में क्यों आया ?

Nano Urea Liquid Production:  इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर नैनो यूरिया तरल (Nano Urea Liquid) की अपनी पहली खेप किसानों के उपयोग के लिए उत्तर प्रदेश भेजी। इफको नैनो यूरिया तरल एक नया और अनोखा उर्वरक है जिसे दुनिया में पहली बार इफको द्वारा पेटेंटेड तकनीक से विकसित किया गया है। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने 31 मई, 2021 को नई दिल्ली में हुई प्रतिनिधि महासभा के सदस्यों की 50वीं वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान इस उत्पाद को दुनिया के सामने पेश किया। इसकी पहली खेप को गुजरात के कलोल से रवाना किया गया।

परीक्षण कहा किया गया ?

इफको के अनुसार, 43 फसलों पर राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस), 20 आईसीएआर अनुसंधान संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों के तहत क्षेत्र परीक्षण किए जाने के बाद नैनो यूरिया को सरकार के उर्वरक नियंत्रण आदेश (government’s Fertiliser Control Order) में शामिल किया गया है।

इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए, पूरे भारत में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 किसानों का परीक्षण किया गया और परिणाम में फसल की पैदावार में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

कहा विकसित किया गया?

नैनो यूरिया लिक्विड को गुजरात के कलोल में इफको के नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) ( proprietary technology at IFFCO”s Nano Biotechnology Research Centre (NBRC) in Kalol, Gujarat) में मालिकाना तकनीक के माध्यम से स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।

महत्व:

इफको नैनो यूरिया के एक कण का आकार लगभग 30 नैनोमीटर होता है। सामान्य यूरिया की तुलना में इसका पृष्ठ क्षेत्र और आयतन अनुपात लगभग 10,000 गुना अधिक होता है। इसके अतिरिक्त, अपने अति-सूक्ष्म आकार और सतही विशेषताओं के कारण नैनो यूरिया को पत्तियों पर छिड़के जाने से पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है। पौधों के जिन भागों में नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है ये कण वहां पहुंचकर संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

इफको के उपाध्यक्ष दिलीप संघाणी ने कहा “इफको नैनो यूरिया 21वीं सदी का उत्पाद है। आज के समय की जरूरत है कि हम पर्यावरण, मृदा, वायु और जल को स्वच्छ और सुरक्षित रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करें।” गुजरात के कलोल एवं उत्तर प्रदेश के आंवला और फूलपुर स्थित इफको की इकाइयों में नैनो यूरिया संयंत्रों के निर्माण की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। प्रथम चरण में 14 करोड़ बोतलों की वार्षिक उत्पादन क्षमता विकसित की जा रही है। दूसरे चरण में वर्ष 2023 तक अतिरिक्त 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा। इस प्रकार वर्ष 2023 तक ये 32 करोड़ बोतल संभवतः 1.37 करोड़ मीट्रिक टन यूरिया की जगह ले लेंगे।

इसमें कहा गया है कि स्वदेशी रूप से विकसित नैनो यूरिया तरल रूप में है और इसकी कीमत 240 रुपये प्रति 500 ​​मिलीलीटर की बोतल है, जो पारंपरिक यूरिया के एक बैग की कीमत से 10 फीसदी सस्ता है।

आप कहां से खरीद सकते हैं?

उत्पाद को यहां ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में आयोजित इफको की 50वीं वार्षिक आम बैठक में पेश किया गया था।

नैनो यूरिया इफको के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म www.iffcobazar.in के अलावा सहकारी बिक्री और विपणन चैनल (marketing channel ) के माध्यम से किसानों को उपलब्ध होगा।

अग्रणी सहकारी इफको (Leading cooperative IFFCO) ने दुनिया भर के किसानों के लिए दुनिया का पहला ”नैनो यूरिया” पेश किया है और इसका उत्पादन जून से शुरू होगा। इसके बाद जल्द ही इसका वाणिज्यिक रोलआउट ( commercial rollout) शुरू हो जाएगा।

नैनो यूरिया के फायदे

भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड ने एक बयान में कहा। “इफको नैनो यूरिया लिक्विड किसानों की जेब पर आसान है और किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावी होगा। नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल पारंपरिक यूरिया के कम से कम एक बैग की जगह ले लेगी। इसलिए, यह किसानों के लिए इनपुट लागत को कम करेगा।”

नए उत्पाद के लाभों पर प्रकाश डालते हुए, इफको ने कहा कि यह पौधों के पोषण के लिए एक स्थायी समाधान है जो यूरिया के अत्यधिक उपयोग को कम करके और फसलों को मजबूत, स्वस्थ और उन्हें रहने के प्रभाव से बचाकर संतुलित मिट्टी पोषण कार्यक्रम को बढ़ावा देता है।

नैनो यूरिया को पारंपरिक यूरिया के स्थान पर विकसित किया गया है और यह इसकी आवश्यकता को कम से कम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसमें कहा गया है कि 500 ​​मिलीलीटर की बोतल में नाइट्रोजन के 40,000 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) होते हैं, जो पारंपरिक यूरिया के एक बैग द्वारा प्रदान किए गए नाइट्रोजन पोषक तत्व के प्रभाव के बराबर है।

चूंकि यह बोतल के रूप में है, इससे लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग (logistics and warehousing) की लागत में काफी कमी आएगी। इसके अलावा, नया उत्पाद ग्लोबल वार्मिंग को संबोधित करने के अलावा मिट्टी, पानी और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।

इफको नैनो यूरिया है ईको-फ्रेंडली

लीचिंग और गैसीय उत्सर्जन के जरिये खेतों से हो रहे पोषक तत्वों के नुकसान से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर असर हो रहा है। इसे नैनो यूरिया के प्रयोग से कम किया जा सकता है क्योंकि इसका कोई अवशिष्ट प्रभाव नहीं है। भारत में खपत होने वाले कुल नाइट्रोजन उर्वरकों में से 82% हिस्सा यूरिया का है और पिछले कुछ वर्षों में इसकी खपत में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2020-21 के दौरान यूरिया की खपत 37 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुँचने का अनुमान है। यूरिया के लगभग 30-50% नाइट्रोजन का उपयोग पौधों द्वारा किया जाता है और बाकी लीचिंग, वाष्पीकरण और रन ऑफ के परिणामस्वरूप त्वरित रासायनिक परिवर्तन के कारण बर्बाद हो जाता है, जिससे पोषक तत्वों के उपयोग की क्षमता कम हो जाती है। यूरिया के अतिरिक्त उपयोग से नाइट्रस ऑक्साइड नामक ग्रीनहाउस गैस बनता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि होती है। नैनो यूरिया तरल पर्यावरण हितैषी, उच्च पोषक तत्व उपयोग क्षमता वाला एक अनोखा उर्वरक है जो लंबे समय में प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग कम करने की दिशा में एक टिकाऊ समाधान है, क्योंकि यह नाइट्रस ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम कर देता है तथा मृदा, वायु एवं जल निकायों को दूषित नहीं करता है। ऐसे में यह पारंपरिक यूरिया का एक कारगर विकल्प है।

निष्कर्ष

मैं आशा करता हूं कि आपको मेरे द्वारा दी गई यह जानकारी जरूर पसंद आयी होगी और मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि ब्लॉग पर आए सभी पाठकों को कृषि संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान की जाए जिससे उन्हें किसी दूसरी साइट या आर्टिकल को खोजने की जरूरत जरूरत ना पड़े। इससे पाठक के समय की भी बचत होगी और एक ही प्लेटफार्म पर सभी प्रकार की जानकारी मिल जाएगी। अगर आप इस आर्टिकल से संबंधित अपना कोई भी विचार व्यक्त करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव अवश्य दें।

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2 thoughts on “Nano Urea Liquid: यूरिया खाद की एक बोरी अब आधा लीटर की बोतल में।”

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