FPO से किसान हुए मालामाल ! आप भी जाने ।

फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (Farmer Producer Company -FPC ) जिसे किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) भी कहते हैं । इसका गठन भारत सरकार की योजना के अंतर्गत किया जाता हैं इस योजना में पुरे भारत में हर एक ब्लॉक में 10000 (दस हजार) किसान उत्पादक संगठनो का गठन होना हैं।

  • किसान उत्पादक संगठन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
  • किसान उत्पादक संगठन का बोर्ड कैसे काम करता है?
  • किसान उत्पादक संगठन की विशेषता क्या क्या है?
  • किसान कंपनी का हिस्सा कैसे बन सकते हैं?
  • किसानों को किसान उत्पादक संगठन से कैसे फायदा होता है?
  1. किसान उत्पादक संगठन की आवश्यकता क्यों पड़ी?

किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) एक प्रकार से को-ऑपरेटिव सोसाइटी का ही रूप होता हैं फर्क़ सिर्फ इतना है कि FPO को सरकार ने सोसाइटी एक्ट में रजिस्टर ना करवाके FPO को कंपनी एक्ट में रजिस्टर करवाया हैं जिसका मुख्य उद्देश्य य़ह था कि को-ऑपरेटिव सोसाइटी की एक लिमिट होती थी जैसे कि आपने अपने आस-पास देखा होगा कि को-ऑपरेटिव सोसाइटी मुख्य रूप से खाद का ही काम करती है जिसमें भी वह मुख्यता एक ही कंपनी का खाद बेचती है जैसे इफको और कृभको। लेकिन सरकार ने इनके क्षेत्र तथा शक्तियों को बढ़ाते हुए कंपनी एक्ट में रजिस्ट्रेशन करवाया तथा इसलिए भी करवाया जिससे किसान उत्पादक संगठन केवल एक ही कंपनी तथा केवल खाद बेचकर ही किसानों का उत्थान ना करें बल्कि इसके साथ किसान उत्पादक संगठन उन सभी कंपनियों के साथ व्यापार कर सके तथा किसानों का उत्थान कर सके जो उत्पाद किसान को आवश्यक हो तथा जिस कंपनी का उत्पाद किसान को चाहिए उसी कंपनी का उत्पाद चाहे बीज हो या खाद हो तथा दवाइयां हो उसी कंपनी का लेकर आए जिस कंपनी का किसान उपयोग में लेते हैं।
यह एक ऐसी कंपनी होती है जो किसानों की मदद करती है। उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में तथा उनकी आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के बीच सामूहिक उत्पादन और विपणन को संभव बनाना होता है।

2. किसान उत्पादक संगठन का बोर्ड कैसे काम करता है?

फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना करने के लिए कम से कम 10 किसानों की एक समूह की आवश्यकता होती है। और इन सभी 10 किसानों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कहा जाता है इसके साथ बोर्ड में एक CEO ( मुख्य कार्यकारी अधिकारी ) की भी नियुक्ति की जाती है। CEO का मुख्य कार्य कंपनी में बेहतर तरीके से किसानों के उत्पादों को एक अच्छा मार्केट प्रदान करवाना होता है जिससे किसानों की आमदनी अधिक से अधिक हो तथा मुख्य कार्य किसानों तथा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के बीच में एक समन्वय बनाना भी होता है यह 10 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर मिलकर एक चेयरमैन का चुनाव करते हैं यह चेयरमैन कंपनी को लीड करते हुए तथा सभी बचे हुए 9 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को एक साथ लेकर चलने का काम करते हैं। इसके सदस्यों के बीच गतिविधियों, निर्णयों और संपर्क के लिए नियमित बैठकों का आयोजन किया जाता है।

3. किसान उत्पादक संगठन की विशेषता क्या क्या है?

इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इस कंपनी का कोई एक मालिक नहीं होता है इस कंपनी का मालिकाना हक उन सभी किसानों के पास होता है जो इस कंपनी का हिस्सा है जिनके पास इस कंपनी के शेयर है वह सभी किसान मिलकर ही इस कंपनी का संचालन करते हैं लेकिन संचालन की क्रिया आसान हो तथा सभी के हितों में हो इसलिए उन सभी किसानों में से सर्वश्रेष्ठ तथा उन्नतशील 10 किसानों को चुना जाता है जो अपने अनुभव तथा तजुर्बे से इस कंपनी को चला सके और किसानों का भला कर सके तथा इन समूहों में एक संगठित तंत्र होता है जो किसानों को सामूहिक रूप से उत्पादन, प्रोसेसिंग, उत्पादों की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए मजबूत रूप से संगठित करती है।

इसके माध्यम से किसानों को स्वामित्व और नियंत्रण मिलता है जिससे उनकी आय बढ़ती है। इसके अलावा, सामूहिक उत्पादन और विपणन के तरीके से किसानों के उत्पादों की कीमत बढ़ती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
यह कंपनी एक ऐसा संगठन होता है जो किसानों के उत्पादन को संग्रहीत करता है और उन्हें बेहतर दाम में बेचने के लिए मदद करता है।

4. किसान कंपनी का हिस्सा कैसे बन सकते हैं?
किसान को कंपनी के साथ जुड़ने के लिए उसको कम से कम ₹500 से लेकर ₹2000 तक की राशि से कंपनी का शेयर खरीदना पड़ता है एक किसान अधिकतम ₹2000 तक के शेयर ही कंपनी से खरीद सकता है इससे ज्यादा शेयर नहीं खरीद सकता क्योंकि सरकार चाहती है कि कोई भी एक व्यक्ति का अधिकार इस कंपनी पर न हो तथा ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके इसमें जुड़ने वाले सर्वप्रथम 750 किसानों को सरकार बोनस के रूप में भी शेयर प्रदान करती है जैसे कोई किसान अधिकतम ₹2000 से अपना शेयर खरीदा है और वह प्रथम 750 किसानों की लिस्ट में शामिल है तो उसको सरकार उसी अनुपात में अर्थात ₹2000 तक के शेयर बोनस के रूप में किसान को देती है।

शेयर खरीदते समय किसान को अपना नाम,अपने पति या पिता का नाम, ग्राम, ग्राम पंचायत, तहसील, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, जमीन कितनी है तथा जमीन का खसरा नंबर क्या है इसके साथ और अन्य जानकारियां भी कंपनी को प्रदान करवाई जाती हैं।

5. किसानों को किसान उत्पादक संगठन से कैसे फायदा होता है?

  1. किसान इन कंपनियों से सरकार द्वारा सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई मशीनरी जैसे ट्रैक्टर, रोटावेटर, हैरो, पलाव इन सभी को कम दर पर किराए पर ले जाकर अपना काम कर सकता है।
  2. किसानों को बहुत सारी सरकार की स्कीमों का पता नहीं चलता तो किसान सीधे इन कंपनियों से जुड़कर सभी स्कीमों का फायदा उठा सकते हैं तथा अपने अनुसार सब्सिडी का भी फायदा ले सकते हैं।
  3. इन कंपनियों को सरकार किसानों के हित के लिए कोई उद्यम लगाने के लिए जैसे कोल्ड स्टोरेज यूनिट, प्रोसेसिंग प्लांट तथा वैल्यू एडिशन के लिए करोड़ों रुपए का लोन बिना कोई गारंटी के उपलब्ध करवाती है तथा इस लोन पर भी 50 से लेकर 75% तक सब्सिडी प्रदान करती है तथा इस उधम से जो पैसा आता है वह पैसा उन सभी किसानों के हिस्से में बांट दिया जाता है जो किसान इस कंपनी के शेयर धारक हैं।
  4. कंपनी का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ते दर पर खाद बीज तथा दवाईयां प्रदान करना भी होता है इसका मुख्य उद्देश्य बाजार से बिचौलियों (Mediator) को खत्म करना भी है जिससे किसानों की लागत कम हो सके।
  5. FPपर ले जाकर अपना काम कर सकता हैO/FPC एक सामूहिक उद्यम है जिसमें किसान अपने संसाधनों को साझा करते हैं और एक साथ काम करते हुए अधिक उत्पादन और आय कमाते हैं। FPC के तहत संगठित किसानों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न योजनाओं और वित्तीय संसाधनों का लाभ मिलता है।
  6. FPC के उद्देश्यों में किसानों के लिए उत्पादकता को बढ़ाना, उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना, उत्पादों की मार्केटिंग में मदद करना और सामूहिक रूप से विकास करना शामिल होता है। FPC के बनाए जाने से किसानों के बीच उत्पादकता और मार्केटिंग में संभावना बढ़ती है जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है।
  7. किसान उत्पादक कंपनियों के द्वारा संगठित किसानों को बाजार और सरकार के नियमों तथा विनियमों का ज्ञान प्राप्त होता है ताकि वे अपनी उत्पादों को बेचने के लिए बेहतर दाम मांग सकें। इसके अलावा, इन कंपनियों के द्वारा किसानों को सामूहिक क्रय, बिक्री और उत्पादन की तकनीकी सहायता भी उपलब्ध होती है।
  8. इन कंपनियों के अधिकांश सदस्य ग्रामीण किसान होते हैं जो उत्पादक अपने व्यवसाय के रूप में काम करते हैं। इन कंपनियों का मूल उद्देश्य किसानों को उत्पादन, प्रसंस्करण, बिक्री, वित्तीय सेवाएं और अन्य संबंधित कामों के लिए एक सामूहिक मंच प्रदान करना होता है।
  9. किसान उत्पादक कंपनियों के अंतर्गत, किसानों को उत्पादक समूहों के रूप में संगठित करने के लिए एक सहायता संगठन भी होता है, जो उन्हें संभवत: सबसे अधिक मूल्य के लिए उत्पादों की बिक्री करने में मदद करता है। इसके अलावा, ये कंपनियां किसानों को तकनीकि सहयता भी उपलब्ध होती है
  10. इन कंपनियों के माध्यम से किसानों को अपने उत्पादो की समस्याओं का समाधान मिलता है, जैसे कि उनके उत्पादों की बिक्री, नए उत्पादों के विकास और विपणन की सुविधा मिलती है। इन कंपनियों के माध्यम से किसानों को समृद्धि की दिशा में मदद मिलती है और वह अपने उत्पादों के बेहतर मूल्य का लाभ उठा सकते हैं।
  11. इसके अलावा, इन कंपनियों को किसानों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए उन्हें किसानों के लिए विभिन्न वित्तीय योजनाओं, सरकारी योजनाओं और व्यापारिक संबंधों के लिए आवश्यक जानकारी भी प्रदान की जाती है। किसान उत्पादक कंपनियों के माध्यम से किसानों को एक साथ आगे बढ़ने का अवसर मिलता है और उन्हें स्वायत्त रूप से अपनी अर्थव्यवस्था को संचालित करने का अधिकार मिलता है।

Leave a Comment